खाटू श्याम जी मंदिर सीकर, राजस्थान – Khatu Shyam Mandir Sikar, Rajasthan In Hindi

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Khatu Shyam Mandir : राजस्थान के सीकर जिले में स्थित खाटू श्याम जी मंदिर भारत में भगवान कृष्ण के मंदिरों में सर्वाधिक प्रसिद्ध माना जाता है। खाटू श्याम जी को कलयुग का सबसे प्रसिद्ध भगवान माना जाता है और उनके मंदिर की भक्ति हिन्दू धर्मी लोगों में उच्च है। इस मंदिर का स्थान सीकर जिले के खाटू गाँव में है, और यहां के श्रद्धालु खाटू श्याम जी को “लखदाता” के नाम से भी पुकारते हैं।

हिन्दू धर्म के अनुसार, खाटू श्याम जी को कलयुग में भगवान कृष्ण का अवतार माना जाता है। भगवान श्रीकृष्ण ने उन्हें वरदान दिया था कि खाटू श्याम जी कलयुग में उनके नाम से पूजे जाएंगे। इस वजह से आज खाटू श्यामजी को देशभर में करोड़ों भक्तों द्वारा पूजा जाता है।

सालभर यहां हर वर्ष 40 लाख भक्त खाटू श्याम जी के प्रति अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करने आते हैं। खासकर होली के पूर्व यहां भव्य मेला आयोजित होता है, जिसमें देश और विदेश से लाखों भक्त एकठे होते हैं। मंदिर का इतिहास महाभारत की लड़ाई से जुड़ा हुआ माना जाता है और यह एक प्राचीन मंदिर है जो कलयुग में भगवान कृष्ण के पूजन के लिए विख्यात है।

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खाटू श्याम जी के मंदिर का इतिहास – Khatu Shyam Ji Mandir History, who is khatu shyam In Hindi

Khatu Shyam Mandir History : खाटू श्याम मंदिर का निर्माण राजा रूपसिंह चौहान और उनकी पत्नी धर्मपत्नी नर्मदा कंवर ने 1027 ईस्वी में करवाया था। इस मंदिर का पुनर्निर्माण 1720 ईस्वी में भी हुआ, जिसमें दीवान अभय सिंह ने मंदिर के गर्भगृह में मूर्ति की स्थापना की थी। खाटू श्याम मंदिर का इतिहास महाभारत काल से जुड़ा हुआ है और यहां भगवान श्रीकृष्ण के एक विशेष रूप, खाटू श्याम जी की पूजा होती है।

मंदिर की नींव राजा रूपसिंह चौहान ने रखी थी, जिनकी पत्नी धर्मपत्नी नर्मदा कंवर भक्तिभाव से इसे बनवाने का संकल्प लेकर आई थीं। महाभारत काल में भगवान कृष्ण के शिष्य बर्बरीक ने यहां अपनी तपस्या की थी और इसी स्थान पर महत्त्वपूर्ण घटनाएं घटीं थीं। मंदिर का नाम “खाटू श्याम” भगवान कृष्ण के एक विशेष रूप के आधारित है जो इस स्थान का प्रमुख आराध्य हैं।

भगवान श्रीकृष्ण के शिष्य बर्बरीक ने इस स्थान पर तपस्या करते हुए भगवान से तीन बाण प्राप्त किए थे, जो महाभारत युद्ध में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाए। महाभारत के युद्ध समाप्त होने के बाद, श्रीकृष्ण ने बर्बरीक का शीश दान मांगा और उन्होंने खाटू श्याम मंदिर का स्थापना किया। इस प्रसंग से इस मंदिर का नाम “खाटू श्याम मंदिर” पड़ा।

मंदिर का पुनर्निर्माण 1720 ईस्वी में दीवान अभय सिंह के द्वारा किया गया, जिससे इसे एक और समृद्धि मिली और यह स्थल विशेष रूप से आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्ता को दर्शाता है। खाटू श्याम मंदिर आज भी भक्तों के लिए एक प्रमुख धार्मिक स्थल है, जहां हर साल फागुन महीने के शुल्क दशमी को बड़ी धूमधाम से फाग उत्सव मनाया जाता है।

खाटू श्याम मंदिर का निर्माण : Khatu Shyam Mandir Make

khatu shyam mandir अपनी सुंदर समृद्धि वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध है। इस मंदिर का निर्माण दुर्लभ पत्थरों, टाइल्स, चुने के मोर्टार, और अन्य उच्च गुणवत्ता वाले पत्थरों से किया गया है। यहां के ठीक केंद्र में प्रार्थना कक्ष है, जिसे “जगमोहन” कहा जाता है, जो भक्तों के लिए एक आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करता है।

मंदिर की दीवारों पर पौराणिक प्राणियों के चित्रण से सजीव हो जाती हैं। प्रवेश और निकास द्वार को संगमरमर से बनाया गया है, जो इसे शौभाग्यपूर्ण बनाता है। मंदिर के अंदर ही आलू सिंह नामक व्यक्ति की समाधि स्थल भी स्थित है, जो भीक्षुक और धार्मिक गुरु थे। मंदिर के गर्भगृह में ही बाबा खाटू श्याम की मूर्ति स्थित है, जिसका पूजन यहां अधिकारिक रूप से होता है।

मंदिर की सभी दीवारों को सोने की चादरों से सजाया गया है, जो इसे आकर्षक बनाता है। khatu shyam mandir के परिसर में एक सुंदर बगीचा, जिसे शाम बगीचा कहा जाता है, भी है। यहां से ही मंदिर में पूजा के लिए फूल लाये जाते हैं।

मंदिर के परिसर में श्याम कुंड भी स्थित है, जिसे अच्छे संगीत और भक्ति गानों के साथ यहां डुबकी मारने का अनुभव किया जा सकता है। इस कुंड में स्नान करने से कहा जाता है कि श्रद्धालु पवित्र हो जाते हैं।

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खाटू श्याम जी का इतिहास – Story Of Khatu Shyam Temple In Hindi

श्याम बाबा की कहानी : khatu shyam story

Shyam Baba की उत्कृष्ट कहानी महाभारत से ही शुरू होती है। इसका आरंभ उनके पूर्वजों में से एक बहादुर योद्धा, बर्बरीक के रूप में हुआ था। वे मौरवी नाग कन्या और भीम, पांडवों के गदाधारी सैन्याधीश, के पुत्र थे। बचपन से ही उनमें वीर योद्धा बनने की भावना थी, और इसके लिए उन्होंने मां और भगवान श्रीकृष्ण से शिक्षा प्राप्त की। उन्होंने भगवान शिव की तपस्या करते समय तीन बाण प्राप्त किए, जिन्होंने उन्हें तीनों लोकों में विजय प्रदान की।

एक बार, जब उन्हें महाभारत युद्ध के बारे में पता चला, तो उन्होंने युद्ध में भाग लेने का इरादा किया। इस प्रेरणा के साथ, उन्होंने अपनी मां को आशीर्वाद प्राप्त करने गए, जहां उन्हें उनके हारे हुए पक्ष की ओर से युद्ध में भाग लेने का वचन दिया गया।

जब इस वचन की खबर श्रीकृष्ण को मिली, तो वे ब्राह्मण के रूप में बर्बरीक के सामने आए और उनसे युद्ध में शामिल होने का कारण पूछा। बर्बरीक ने उत्तर दिया कि उनके तीन बाण से युद्ध करना संभव है, लेकिन उन्होंने इसका एक हल्ला दिया कि तीन तीरों का इस्तेमाल करने पर ब्रह्मांड का विनाश हो सकता है। इस पर भगवान श्रीकृष्ण ने उन्हें चुनौती दी कि वे पीपल के पत्तियों को वेधकर बताएं। बर्बरीक ने चुनौती स्वीकार की और उन्होंने श्रीकृष्ण के पैरों के नीचे एक पत्ती दबा दी। बर्बरीक ने तीनों

तीरों से पत्तियों पर निशान लगा दिए और श्रीकृष्ण के पैरों के पास चक्कर लगाने लगे। इसके बाद, उन्होंने श्रीकृष्ण से अपनी आंखों से युद्ध देखने की इच्छा व्यक्त की, जो श्रीकृष्ण ने पूरी की।

युद्ध के बाद, जब पांडव युद्ध के नतीजे को लेकर उलझे थे, तो बर्बरीक ने श्रीकृष्ण से कहा कि उनकी जीत का क्रेडिट उन्हें ही जाता है। श्रीकृष्ण ने उनसे एक अनूप सेवा मांगी, जिसमें उन्होंने अपना सिर उनके चरणों में रख दिया। इसके बाद, उनकी आत्मबलिदान से प्रभावित होकर श्रीकृष्ण ने उन्हें “श्याम” नाम से पुजाजा जाने वाला एक दिव्य पुरुष बना दिया।

बर्बरीक से कैसे पड़ा खाटू श्याम नाम – The Story Behind The Name Of Khatu shyam From Barbarik In Hindi

बर्बरीक से खाटू श्याम नाम: महाभारत युद्ध के अंत में, बर्बरीक का सिर खाटू गांव में दफन किया गया था, इस प्रकार उन्हें खाटू श्याम बाबा कहा जाता है। एक बार, गांव के पास एक गाय अपने स्तनों से इस क्षेत्र पर दूध बहा रही थी, जिसे देखकर लोग विस्मित हो गए। इस रहस्यमय परिस्थिति को समझने के लिए जब भूमि खुदाई गई, तो वहां से बर्बरीक का कटा हुआ सिर मिला। इस सिर को एक ब्राह्मण को सौंपा गया, जिसने इसे रोज़ पूजा करना शुरू किया।

एक दिन, खाटू नगर के राजा रूपसिंह को स्वप्न में मंदिर का निर्माण करने का संकेत मिला, जिसमें बर्बरीक का सिर मंदिर में स्थापित करने के लिए कहा गया। कार्तिक मास की एकादशी के दिन, बर्बरीक का शीर्षिका से निर्मित मंदिर में स्थापित किया गया, जिसे बाबा खाटू श्याम जी के नाम से पहचाना जाता है। इस घटना के बाद से ही यह मंदिर प्रसिद्ध हो गया और बाबा खाटू श्याम जी की पूजा लोकप्रिय हो गई।

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खाटू श्याम मंदिर कहाँ है? Whare Is Khatu Shyam Ji

बाबा खाटू श्याम का मंदिर राजस्थान राज्य के सीकर जिले के रीगस टाउन के पास स्थित है। आप बस, कार, और रेलवे से इस मंदिर की यात्रा कर सकते हैं।

खाटू श्याम जी सीकर मंदिर कैसे जाएं – How To Reach Khatu Shyam Ji Mandir In Hindi

खाटू श्याम जी का पवित्र मंदिर जयपुर से 80 किलोमीटर दूर खाटू गांव में स्थित है। खाटू श्याम जी तक पहुंचने के लिए सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन रिंगस है, जहां से मंदिर की दूरी 18.5 किलोमीटर है। रेलवे स्टेशन से, आपको खाटू श्याम जी के मंदिर के लिए कई टैक्सी और जीप्स मिलेंगे। आप चाहें तो इनमें शेयरिंग भी कर सकते हैं। अगर फ्लाइट से यात्रा कर रहे हैं, तो सबसे नजदीकी जयपुर इंटरनेशनल एयरपोर्ट है, जहां से खाटू श्याम जी के मंदिर की दूरी 95 किलोमीटर है। अगर आप दिल्ली से रोड़ के ज़रिए खाटू श्याम जी के मंदिर की यात्रा कर रहे हैं, तो यहां पहुंचने में 4.30 से 5 घंटे का समय लगेगा।

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खाटू श्याम मंदिर में रुकने की जगह और खाने की व्यवस्था

khatu shyam mandir में ठहरने के लिए यहां विशेष धर्मशालाएं उपलब्ध हैं, जहां भक्त अपनी यात्रा की अवधि के दौरान ठहर सकते हैं।

खाने की व्यवस्था के संबंध में, मंदिर के आस-पास कई होटल और रेस्टोरेंट्स उपस्थित हैं, जो भक्तों को विभिन्न आहार विकल्पों से सजीवनी प्रदान करते हैं। खाटू श्याम बाबा के मंदिर में निरंतर भंडारा होता रहता है, जिससे आप प्रसाद का आनंद ले सकते हैं।

खाटू श्याम बाबा के दर्शन कैसे करें?

खाटू श्याम बाबा के दर्शन करने के लिए दो विकल्प हैं। पहला तरीका है बाबा के दरबार में व्यक्तिगत रूप से जाकर दर्शन करना, और दूसरा तरीका है घर से ऑनलाइन दर्शन करना।

कोरोना महामारी के कारण, जब लोग व्यक्तिगत रूप से नहीं जा सकते थे, तब सरकार ने खाटू श्याम बाबा के ऑनलाइन दर्शन की सुविधा प्रदान की है।

खाटू श्याम बाबा के दर्शन करने के लिए अक्सर भक्तों की भीड़ होती है और इसमें कुछ समय लगता है। यदि आप व्यक्तिगत रूप से दर्शन प्राप्त करना चाहते हैं, तो आप लाइन में खड़े रहकर यह कर सकते हैं। ऑनलाइन दर्शन प्राप्त करने के लिए भी आपको आवेदन करना होगा।

ऑनलाइन माध्यम से खाटू श्याम के दर्शन प्राप्त करने के लिए आवेदन कैसे करें?

  • सबसे पहले, आपको खाटू श्याम बाबा की आधिकारिक वेबसाइट https://shrishyamdarshan.in पर जाना होगा। इस वेबसाइट पर, आपको कई सुविधाएं मिलेंगी।
  • आपको “दर्शन बुकिंग करें” ऑप्शन पर क्लिक करना होगा। इस ऑप्शन पर क्लिक करने के बाद, आपके सामने एक पंजीकरण फॉर्म आएगा।
  • सभी आवश्यक जानकारी को भरने के बाद, आपको “बुक दर्शन” वाले बटन पर क्लिक करना होगा।
  • इस प्रकार, आपका खाटू श्याम बाबा के दर्शन के लिए ऑनलाइन आवेदन पूरा हो जाएगा।
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खाटू श्याम मंदिर खुलने का समय : khatu shyam mandir kab khulega

khatu shyam mandir के दर्शन का समय गर्मी और सर्दी के दिनों के हिसाब से अलग-अलग होता है। मंदिर के दर्शन प्राप्त करने के लिए, गर्मी के मौसम में सुबह 4:30 बजे से दोपहर 12:30 तक और शाम को 4:00 बजे से लेकर रात्रि 10:00 बजे तक मंदिर खुला रहता है।

वहीं, सर्दी के मौसम में सुबह 5:30 बजे से लेकर दोपहर 1:00 बजे तक और शाम को 4:30 बजे से लेकर 9:30 बजे तक मंदिर परिसर खुला रहता है।

खाटू श्याम मंदिर में आरती का समय : khatu shyam ji ki aarti

khatu shyam ji ki aarti : खाटू श्याम मंदिर में आरती गर्मी के मौसम में सुबह 4:30 बजे होती है, जबकि सर्दी के मौसम में यह 5:30 बजे आयोजित की जाती है। खाटू श्याम की भोग आरती का समय भी दोनों मौसमों में एक समान होता है, जो कि 12:30 बजे होता है। मंदिर को बंद करने का समय भी इसी आरती के समय, अर्थात 8:30 बजे का निर्धारित है।

खाटू श्याम के आसपास घूमने की जगह :

khatu shyam mandir के दर्शन करने आने पर, आपको मंदिर के आस-पास कई महत्वपूर्ण स्थलों का भी आनंद लेने का अवसर होता है। इन स्थलों में शामिल हैं:

श्याम कुंड:

खाटू श्याम मंदिर के पास एक श्याम कुंड स्थित है, जिसमें लोग मानते हैं कि खाटू श्याम जी की गर्दन इसी कुंड से खोदकर निकाली गई थी। इस कुंड में स्नान करने से श्रद्धालुओं को किसी भी चर्म रोग से मुक्ति मिलती है, ऐसा माना जाता है।

श्री श्याम वाटिका:

बाबा खाटू श्याम मंदिर के पास ही एक श्याम बगीचा है, जिसमें बबा को श्रंगार के लिए फूलों का इस्तेमाल किया जाता है। इस बगीचे में विभिन्न प्रकार के पुष्पों का आनंद लिया जा सकता है।

बालाजी महाराज सालासर:

khatu shyam to salasar balaji distance : खाटू श्याम बाबा के मंदिर के आसपास 110 किलोमीटर की दूरी पर बालाजी महाराज सालासर स्थित हैं, जो बाबा हनुमान के भक्तों के लिए एक पवित्र मंदिर है। यहां पर विशेष अवसरों पर महोत्सवों का आयोजन किया जाता है और मंदिर के पास धर्मशाला और रेस्टोरेंट भी हैं।

हनुमान मंदिर:

khatu shyam mandir के आसपास घूमने लायक धार्मिक स्थलों में से एक है हनुमान मंदिर, जो ग्राम नांगल भरडा, तहसील चौमू में स्थित है। इस मंदिर में भगवान हनुमान की विशाल प्रतिमा स्थापित है, जो कि भक्तों को आकर्षित करती है।

लक्ष्मणगढ़ किला:

खाटू श्याम मंदिर के आसपास एक और रोचक स्थल है लक्ष्मणगढ़ किला, जो कि ऐतिहासिक इमारत है। इस किले का निर्माण 1862 ईस्वी में सीकर के रावराज लक्ष्मण सिंह ने किया था और इसका दौरा करना इतिहास प्रेमियों के लिए रोचक हो सकता है।

जीण माता मंदिर:

खाटू श्याम मंदिर से 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित जीण माता मंदिर, राजस्थान के लोगों के लिए एक प्रमुख पूजा स्थल है। इस मंदिर का निर्माण करीब 1000 वर्ष पहले हुआ था और यहां के पुजारी के अनुसार, मंदिर की एकता में विशेष शक्ति है।

गोल्डन वाटर पार्क:

खाटू श्याम मंदिर के आसपास स्थित गोल्डन वाटर पार्क एक मनोरंजन पार्क है, जो बच्चों के लिए विशेष रूप से प्रिय है। यहां पर विभिन्न वैशिष्ट्य से भरपूर उपायुक्तियों के साथ, यह एक पूरे परिवार के लिए मनोहर दिन बिताने का सुनहरा अवसर प्रदान करता है।

गणेश्वर धाम:

गणेश्वर धाम में सभी देवी-देवताओं की विशेष मूर्तियां स्थित हैं। खाटू श्याम मंदिर से 75 किलोमीटर की दूरी पर स्थित इस स्थल पर एक विशाल कुंड भी है, जहां श्रद्धालुओं को स्नान करने का अवसर है और उन्हें किसी भी चर्म रोग से मुक्ति प्राप्त होती है।

FAQ ?

  • खाटू श्याम मंदिर कहाँ स्थित है?
    • खाटू श्याम मंदिर राजस्थान, भारत में स्थित है और सीकर जिले के रीगस टाउन के पास स्थित है.
  • मंदिर का समय सार्वजनिक दर्शन के लिए क्या है?
    • गर्मी के मौसम में सुबह 4:30 से 12:30 तक और शाम 4:00 से 10:00 बजे तक मंदिर खुला रहता है, जबकि सर्दी के मौसम में सुबह 5:30 से 1:00 बजे और शाम 4:30 से 9:30 बजे तक मंदिर खुला रहता है.
  • दर्शन के लिए ऑनलाइन बुकिंग कैसे करें?
    • खाटू श्याम मंदिर की ऑनलाइन बुकिंग के लिए shrishyamdarshan.in पर जाएं और बुकिंग का प्रक्रियानुसरण करें.
  • मंदिर के आसपास घूमने के लिए और कौन-कौन सी जगहें हैं?
    • आस-पास की जगहों में श्याम कुंड, श्री श्याम वाटिका, बालाजी महाराज सालासर, हनुमान मंदिर, लक्ष्मणगढ़ किला, जीण माता मंदिर, गोल्डन वाटर पार्क, और गणेश्वर धाम शामिल हैं.
  • बाबा के मंदिर में रुकने के लिए क्या व्यवस्था है?
    • खाटू श्याम मंदिर के पास धर्मशालाएं हैं जहां भक्त रुक सकते हैं.
  • मंदिर के आसपास खाने के लिए कहां जा सकता है?
    • मंदिर के आस-पास होटल और रेस्टोरेंट हैं, जहां आप खाना खा सकते हैं, और मंदिर में भंडारा भी उपलब्ध है.
  • कैसे ऑनलाइन दर्शन कर सकते हैं?
    • shrishyamdarshan.in पर जाकर दर्शन बुक करें और आवश्यक विवरण भरें.
  • मंदिर में आरती का समय क्या है?
    • गर्मी के मौसम में सुबह 4:30 और शाम 8:30, सर्दी के मौसम में सुबह 5:30 और शाम 12:30 बजे आरती होती है.
  • मंदिर के आसपास कुछ धार्मिक स्थल हैं, जो देखने योग्य हैं?
    • हाँ, श्याम कुंड, श्री श्याम वाटिका, बालाजी महाराज सालासर, हनुमान मंदिर, लक्ष्मणगढ़ किला, जीण माता मंदिर, गोल्डन वाटर पार्क, और गणेश्वर धाम धार्मिक स्थल हैं.
  • मंदिर के आसपास औरत और बच्चों के लिए कोई मनोरंजन स्थल है?
    • हाँ, गोल्डन वाटर पार्क बच्चों के लिए मनोरंजन स्थल है, जो खाटू श्याम मंदिर के पास स्थित है।
  • ट्रेन से दिल्ली से खाटू श्याम कैसे पहुंचे?
    • दिल्ली से जैसलमेर के लिए रुणिचा एक्सप्रेस की शुरुआत की है. इस ट्रेन से श्रद्धालु रींगस जा सकते हैं और वहां से खाटू श्याम के दर्शन करने जा सकते हैं.
  • जयपुर से खाटू श्याम का मंदिर कितना किलोमीटर दूर है?
    • जयपुर से खाटू श्याम की दूरी करीब 80 किलोमीटर है।
  • रींगस से खाटू श्याम जी कितने किलोमीटर पर है?
    • रींगस से खाटू श्याम जी की दूरी 17 किमी हैं।

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