हिमाचल प्रदेश राज्य में स्थित धर्मशाला कांगड़ा जिला का दर्शनीय और पर्यटन स्थल है। दुनिया भर में प्रसिद्ध धर्मशाला दलाई लामा का निवास स्थान के रूप में माना जाता है। कांगड़ा से धर्मशाला की दूरी केवल 8 किलोमीटर है। यह शहर डिवीजन में बटा हुआ है जैसे कि निचले डिवीजन में धर्मशाला शहर आता है और ऊपरी डिवीजन में मैकलोड़ गंज शहर के नाम से जाना जाता है। धर्मशाला नाम हिंदी शब्द धर्म और शाला से लिया गया है। धर्मशाला को तीर्थ यात्रियों के लिए आश्रय या विश्राम करने के लिए माना जाता है।
एक धार्मिक स्थल होने के साथ-साथ धर्मशाला भारत का एक प्रसिद्ध तीर्थ स्थल भी है। अगर आप भी धर्मशाला घूमने की सोच रहे हैं तो हमारे इस लेख में आप धर्मशाला के खास पर्यटन स्थलों के बारे में जान सकते हैं। हमने इस लेख में धर्मशाला के पर्यटन स्थलों की सही जानकारी दी है।
धर्मशाला का इतिहास (हिस्ट्री)- History of Dharamshala in Hindi
ब्रिटिश राज के आगमन से पहले कांगड़ा क्षेत्र में धर्मशाला और इसके आसपास की जगह पर दो शह्स्त्राब्दीयों तक कटोच वंश का राज हुआ करता था। सीख वंश के महाराजा रणजीत सिंह और कटोच वंश के राजा संसार सिंह के बीच हुई ज्वालामुखी की सन्धि के बाद कटोच वंश केवल कांगड़ा के क्षेत्र में स्थानीय जागीरदार के रूप में ही रह गए। धौलाधार पर्वत की ढलान पर एक फौजी छावनी के लिए कांगड़ा जिला के अंदर एक स्थान चुना गया था, जो एक हिंदू धर्मशाला थी। कांग्रेस के पास सैनिकों की छावनी के लिए धर्मशाला का नंबर अस्तित्व में आया कांगड़ा जिले का मुख्यालय धर्मशाला को घोषित किया गया था।
अंग्रेजों के लिए धर्मशाला एक लोकप्रिय स्टेशन पहले यह जगह अंग्रेजों के लिए ग्रीष्म काल की राजधानी हुआ करती थी। परंतु साल 1905 में हुए भूकंप के वजह से लगभग 20000 लोग मारे गए थे। ऐसी स्थिति में शिमला को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाया गया। गोरखाओं ने भूकंप के बाद धर्मशाला शहर में हुए नुकसान और पुनर्निर्माण में काफी ज्यादा योगदान दिया।
धर्मशाला में घूमने योग्य पर्यटन स्थल- Tourist Place To Visit in Dharamshala
इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल धर्मशाला- International Film Festival Dharmshala in Hindi
यदि आप समकालीन सिनेमा, कला और मुक्त सिनेमा के शौकीन हैं तो आपको धर्मशाला इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल (डीआईएफएफ) जो भारत के धर्मशाला, मैकलॉड गंज में प्रतिवर्ष आयोजित होने वाला एक अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव है| इस फ़िल्म महोत्सव की स्थापना, फिल्म निर्मात रितु सरीन और तेनजिंग सोनम ने 2012 में पहाड़ी इलाकों में सिनेमाई कला और मिडिया को बढ़ावा देने के लिए की थी।
2016 के बाद से इस फ़िल्म महोत्सव ने गांवों, स्कूलों, कॉलेजों और जिला क्षेत्रों में सामुदायिक स्क्रीनिंग आयोजित करने का फैसला किया ताकि छात्रों में गंभीर और सक्रीय सिनेमा की ओर ध्यान आकर्षित किया जा सके। धर्मशाला के इस इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में सामान्य तौर पर 26 समकालीन- कथाओं और वृत्तचित्रों और लघु, एनीमेशन और प्रायोगिक फिल्मों को नवंबर के प्रारंभिक 3 दिनों में प्रदर्शित किया जाता है।
इस महोत्सव के जरीय आप नये और समकालीन मुद्दों पर प्रदर्शित सिनेमा का तो आनंद उठाते ही हैं साथ ही अपने विचारों में भी एक नवीनता का संचार करते हैं तो यदि आप धर्मशाला आए तो इस सिनेमा महोत्सव को देखने ज़रूर जाए|
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धर्मशाला युद्ध स्मारक- Dharamshala War Memorial in Hindi
वॉर मेमोरियल धर्मशाला में देखने की खास जगहों में से एक है। यह स्मारक शहर के पास देवदार के जंगलों में स्थित है और यह जगह यात्रा करने के लायक है। यहाँ एक सुंदर जीपीजी कॉलेज है जिसका निर्माण ब्रिटिश काल के दौरान किया गया था। वॉर मेमोरियल की स्थापना शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए किया गया था। यह स्मारक शहीद हुए सैनिकों की याद में बनाई गई है, जिन्होनें देश की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व बलिदान कर दिया था। चीड़ के जंगल के पास स्थित यह स्मारक धर्मशाला में घूमने के लिए सबसे अच्छे पर्यटन स्थलों में से एक है। हरे-भरे पेड़ों के बीच इस स्मारक की दीवारों पर शानदार नक्काशी के द्वारा शहीदों के नाम अंकित किए गए है। प्राकृतिक सौंदर्य से परिपपूर्ण यह स्थान परिवार के साथ घूमने के लिए एक उत्तम गंतव्य है।
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मां ज्वालामुखी मंदिर धर्मशाला- Maa Jwalamukhi Temple Dharamshala in Hindi
यह महत्वपूर्ण हिंदू मंदिर हिंदू देवी शक्ति के अवतारों में से एक को समर्पित है। यह मंदिर हिमाचल प्रदेश राज्य के कई देवी मंदिरों में से एक है।
ज्वाला देवी मंदिर में हिंदू धर्म के सैकड़ों भक्त आते हैं। यह मंदिर धर्मशाला से लगभग 50 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इस मंदिर का मुख्य आकर्षण आग की लपटों की वजह से है, जिसमें ईंधन का कोई स्रोत नहीं दिखता है। यह घटना भी इस मंदिर की लोकप्रियता का कारण रही है।
क्रिकेट स्टेडियम धर्मशाला- Dharamshala Cricket Stadium In Hindi
धर्मशाला का यह स्टेडियम धर्मशाला के प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में से एक माना जाता है। यह दुनिया के सबसे ऊंचे स्टेडियमों में से एक है। यहां कई अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच आयोजित किए गए हैं और यही एक कारण है कि धर्मशाला को युवाओं के बीच इसकी लोकप्रियता का रुझान मिला। कई अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैचों ने लाइव स्पोर्टिंग इवेंट देखने के लिए कई पर्यटकों को धर्मशाला आने के लिए आकर्षित किया।
चारों ओर से पहाड़ों से घिरे स्टेडियम की यात्रा एक बहुत ही सुखद यात्रा है। पर्यटक सुबह 9 बजे से शाम 6 बजे तक किसी भी समय स्टेडियम में आ सकते हैं।
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डल झील धर्मशाला- Beautiful Dal Lake Dharamshala in Hindi
हिमाचल प्रदेश में स्थिति डल झील एक दार्शनिक और पर्यटक स्थल है। हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में स्थित धर्मशाला में यह झील स्थित है, जहां आपको वोट की सवारी करने का और झील में घूमने का मौका मिल जाता है।
यहां का वातावरण इतना शांत और सुनहरा है कि यहां पर आने वाले पर्यटकों के मन को शांति मिलती है।इस झील के चारों तरफ पेड़ पौधे और हरियाली झील की सुंदरता को चार चांद लगा देते हैं और यहां पास में ही ऋषि दुर्वासा का मंदिर भी स्थित है। जहां दर्शन करने के लिए रोजाना बहुत लोग आते हैं।
Dharamshala Tourist Places in Hindi
धर्मशाला चिन्मय तपोवन- Dharmshala Chinmay Tapovan in Hindi
चिन्मय तपोवन कांगड़ा की तलहटी में स्थित एक प्रसिद्ध आध्यात्मिक आश्रम है। यह आश्रम आध्यात्मिक आश्रम होने के साथ-साथ एक बहुत ही प्रसिद्ध पर्यटन स्थल भी है, जो धर्मशाला से केवल 8 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। स्वामी चिन्मयानंद में उस आश्रम की स्थापना 1977 में सिद्ध बाड़ी नामक जगह पर की थी। प्राचीन धर्म ग्रंथों के मुताबिक इस स्थान पर बहुत सारे महान साधु महात्माओं ने कड़ी तपस्या की थी। इस वजह से धार्मिक दृष्टि से यह स्थान बहुत पवित्र माना जाता है। तपोवन के चारों और काफी सुंदर और अविस्मरणीय दृश्य देखने को मिलते हैं। हर आयु के लोग हर साल यहां पर आध्यात्मिक शिविर में भाग लेने के लिए आते हैं। चीन्म्य तपोवन में विशाल पेड़ पौधे और बहुत सारे सुगंधित फूल लगाए गए हैं। इस स्थान पर शिवलिंग भी बनाया गया है, जो इस तपोवन के आकर्षण का एक बहुत ही प्रमुख केंद्र माना गया है।
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त्रियुंड दर्शनीय स्थल धर्मशाला- Triund Scenic Spot Dharamshala in Hindi
त्रियुंड मैकलोडगंज से 9 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह जगह बहुत उंचाई पर स्थित है जो मून पीक-इंदेरा पास का शानदार नजारा दिखाती है। यह जगह पिकनिक बनाने के लिए बहुत अच्छी है। यहाँ की स्वछता और प्राचीन वातावरण आपका दिल जीत लेगा। अगर आप धर्मशाला घूमने के लिए आते हैं तो यहाँ की खास जगहों में से एक त्रियुंड घूमने भी जरुर आयें।
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कांगड़ा का किला- Fort of Kangra in Hindi
कांगड़ा संग्रहालय तिब्बती और बौद्ध कलाकृति के शानदार चमत्कार और उनके समृद्ध इतिहास को बताता है। यह धर्मशाला के बस स्टेशन के पास स्थित है। इस संग्रहालय में आप कई पुराने गहने, दुर्लभ सिक्के यादगार, पेंटिंग, मूर्तियां और मिट्टी के बर्तन जैसी चीज़ें देख सकते हैं।
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दलाई लामा मंदिर परिसर, धर्मशाला – Dalai Lama Temple Dharamshala in Hindi
तिब्बती संस्कृति से परिपूर्ण दलाई लामा मंदिर परिसर जिसे त्सुगलाखंग मंदिर भी कहा जाता है, यह धर्मशाला में एक राजनीतिक-धार्मिक केंद्र है। शांतिपूर्ण ध्यान और धार्मिक प्रार्थना के लिए मंदिर में पहियों या माला मौजूद हैं। दलाई लामा मंदिर परिसर बौद्धों के लिए श्रद्धेय तीर्थ स्थल बन गया है। इसके अलावा यहाँ का शांतिपूर्ण वातावरण दुनिया भर के पर्यटकों को बेहद आकर्षित करता है। आप भी जब भी धर्मशाला आए तो यहाँ ज़रूर आयें।
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नोरबूलिंगका संस्थान धर्मशाला- Institute of Norbulingka in Dharamshala In Hindi
नोरबूलिंगका संस्थान हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में स्थित किम येशी और केलसॉन्ग ने 1995 में स्थापना की थी। यहां पर इस संस्थान के निर्माण की और उद्देश्य तिब्बत के साहित्य और कलात्म्क रूप को संरक्षित करना था। नोरबूलिंगका संस्थान धर्मशाला से केवल 7 किलोमीटर की दूरी पर सिद्धपुर में स्थित है, जो एक लोकप्रिय शिक्षा केंद्र है। नोरबूलिंगका संस्थान के अंदर काफी बाग बगीचे बने हुए हैं। छोटे-छोटे झरने, आसपास में बहने वाली नदियां और धौलाधार पर्वत श्रृंखला के अद्भुत दृश्य इस संस्थान को और भी मनमोहक बना देते हैं। तिब्बत की संस्कृति से जुड़े हुए विभिन्न चित्र, मूर्तियों का संरक्षण करना इस संस्थान का मुख्य उद्देश्य है। इसके साथ साथ ही तिब्बत से आए हुए काफी लोगों को यहां पर रोजगार भी प्राप्त होता है।
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ग्युतो तांत्रिक मठ -Gyuto Tantric monastery Dharamshala in Hindi
धर्मशाला में ग्युतो मठ महत्वपूर्ण ओर लोकप्रिय मठोंं में से एक है। यह धर्मशाला शहर में स्तिथ है जहां आप रेल ,हवाई सड़क मार्ग से आसानी से पहंच सकते है। ग्युतो मठ तांत्रिक ध्यान, तांत्रिक अनुष्ठानों और बौद्ध दर्शन के लिए काफी प्रशिद्ध है। ग्युतो मठ की स्थापना प्रथम दलाई लामा के प्रमुख शिष्य जेत्सुन कुंगा धोंडुप ने 1474 में किया था। इस मठ को एक पहाड़ी की चोटी पर खूबसूरती से बनाया गया है जहां से धौलाधार पर्वतमाला और ब्यास नदी का दृश्य दिखाई देता है। ग्युतो मठ धर्मशाला में घूमने के लिए सबसे अच्छी जगहों में से एक है।
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करेरी झील – Kareri Lake Dharamshala in Hindi
धर्मशाला में ट्रैकिंग करने के लिए करेरी झील का ट्रैक बेहद खूबसूरत है व पर्यटकों की यह पहली पसंद भी रहता है। यह धर्मशाला शहर के पास सबसे अच्छा छोटा ट्रैकिंग रूट भी है। करेरी झील 3100 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है और यह एक ताजे पानी की झील है। धौलाधार के पहाड़ों से बर्फ पिघलने से झील पानी से भरी रहती है। करेरी झील धौलाधर पर्वत क्षेत्र में एक ट्रैकिंग गंतव्य होने के लिए सबसे अच्छी तरह से जाना जाता है।
वैसे तो धर्मशाला से करेरी झील की दूरी 30 किलोमीटर है, लेकिन यह पूरा रास्ता पैदल तय नहीं करना पड़ता, बल्कि गाड़ियों की सुविधा भी आधे से ज्यादा रास्ते तक मिल जाती है। धर्मशाला से घेरा होकर नोहली गांव में अपने निजी वाहन से पहुंचा जा सकता है। नाेहली पहुंचने के बाद करेरी का ट्रैक 10 किलोमीटर का ही शेष रह जाता है। इसके अलावा शाहपुर बाजार से भी करेरी के लिए रास्ता जाता है, लेकिन वो रास्ता धर्मशाला से होकर करीब 50 किलोमीटर दूर पड़ जाता है।
अगर आप करेरी जाएं तो नोहली गांव में अपने साथ खाने पीने का सारा सामान खरीद लें। नोहली गांव में कुछ छोटी मोटी दुकानें हैं। इसके बाद करेरी झील तक कोई भी दुकान नहीं है। वहां रहने के लिए आपको अपने साथ टेंट ले जाना पड़ेगा या ट्रैवल एजेंसी से भी आप व्यवस्था करवा सकते हैं।
मक्लिओडगंज -Mcleodganj Dharamshala in Hindi
समुद्र तल से 2,082 मीटर की औसत ऊंचाई के साथ, मैकलॉड गंज का नाम सर डोनाल्ड फ्रेल मैकलियोड के नाम पर रखा गया है, जो पंजाब के लेफ्टिनेंट-गवर्नर थे, जिनके तहत इस क्षेत्र का विकास किया गया था। यह स्थान 14वें दलाई लामा के निवास सहित अपने विभिन्न आकर्षणों के लिए जाना जाता है। यह जगह धर्मशाला में सबसे अधिक देखी जाने वाली जगहों में से एक है और अपनी तिब्बती संस्कृति, हस्तशिल्प और मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है। हनुमान टिब्बा समुद्र तल से 5,639 मीटर की ऊंचाई पर सबसे ऊंची चोटी है और इसे मैक्लोड गंज से देखा जा सकता है।
Visitor Information
Famous for: Nature, Photography, Tibetan Culture, Viewpoints.
Tickets: No entry fee.
Opening Timings: Open all days.
Duration: 1-2 Days.
About McLeodGanj
Places of interest in Mcleodganj
Triund.
Dharamkot.
Tibet Museum.
Bhagsu Waterfalls.
Tsug La Khang Shrine.
Tibetan Children’s Village.
भागसु जलप्रपात – Bhagsu Waterfall Dharamsala in Hindi
झरते जलप्रपात की पृष्ठभूमि में कौन क्लिक नहीं करना चाहेगा? लेकिन जब पानी ठंडा होता है तो आप डुबकी लगाने से पहले दो बार सोच सकते हैं। भागसूनाग मंदिर से ~ 1 किमी की दूरी पैदल चलकर आसानी से भागसूनाग जलप्रपात तक पहुँचा जा सकता है। यह झरना निश्चित रूप से किसी की आंखों के लिए एक दावत है। इसकी उत्पत्ति सर्वशक्तिमान धौलाधारों से हुई है। आमतौर पर, यह पर्यटकों से खचाखच भरा रहता है क्योंकि यह एक ऐसी जगह है जिसे कोई भी छोड़ना नहीं चाहता है। इस झरने की मनोरम सुंदरता मानसून के मौसम के दौरान और बढ़ जाती है जब बारिश की फुहारों के साथ झरना बड़ी मात्रा में पानी की बूंदों को नीचे गिराता है। तस्वीरें क्लिक करने के बाद, आप ट्रेलसाइड आरामदायक कैफे का आनंद ले सकते हैं। आप निश्चित रूप से मैगी और प्रकृति की रचना को एक साथ खाना पसंद करेंगे।
बस मानसून में सावधान रहें। गिरने के ज्यादा करीब न जाएं।
धर्मकोट – Dharamkot Dharamshala in Hindi
बोहेमियन के लिए एक जगह। हां! यह वही है। यदि आप घास के मैदानों में घूमना पसंद करते हैं, तो आपको मैक्लोडगंज के पास इस विचित्र जगह पर जाने पर विचार करना चाहिए। प्रकृति के संगीत को सुनते हुए आप व्यर्थ ही जंगल के रास्तों पर भटक सकते हैं। मुख्य रूप से यह उन लोगों के लिए एक जगह है जो मैक्लोडगंज और भागसू में पर्यटकों की भीड़भाड़ से दूर जाना चाहते हैं। इस जगह का खिंचाव इतना सुकून देने वाला है कि आप केवल देवदार और पक्षियों की सीटी सुनना चाहेंगे और आपको खाने वाली सभी चिंताओं को भूल जाएंगे। इसके अतिरिक्त, यह कैफे का केंद्र है। इनमें से ‘ट्रेक एंड डाइन’ ने कल्ट ग्रेड हासिल किया है जिसे कोई कह सकता है। तो सुनिश्चित करें कि आप आराम करने और अपने पेट को भरने के लिए भी इस जगह की यात्रा करें।
धर्मशाला के बारे में रोचक तथ्य
- कांगड़ा जिले में स्थित धर्मशाला जो कांगड़ा के उत्तर पूर्व में 17 किलोमीटर दूरी पर स्थित है।
- यह हिमाचल प्रदेश राज्य का सबसे लोकप्रिय पर्यटक स्थल माना जाता है।
- धर्मशाला शिमला से 322 किलोमीटर दूर स्थित है, नई दिल्ली से 514 किलोमीटर दूर स्थित है और मनाली से 252 किलोमीटर दूरी पर स्थित है।
- धर्मशाला जाने का रास्ता कांगड़ा घाटी से शुरू होता है। सन 1905 में कांगड़ा घाटी में विनाशकारी भूकंप आया था उसके पश्चात धर्मशाला का पुनः निर्माण हुआ।
- धर्मशाला में बने चाय के बागान और देवदार पेड़ यहां के आकर्षण को बढ़ाते हैं।
- धर्मशाला के नजदीक दंगल हवाई अड्डा धर्मशाला स्थित है, जो धर्मशाला पर्यटक स्थल से 15 किलोमीटर दूरी पर है।
- धर्मशाला का तापमान 22 डिग्री से लेकर 38 डिग्री के बीच रहता है। सर्दियों के समय यहां का तापमान माइनस में चला जाता है।
- धर्मशाला में झरनों और हिल स्टेशन के साथ-साथ कई मंदिर और मठ भी है, जो देखने लायक है।
धर्मशाला के प्रमुख व्यंजन- Main dishes of Dharamshala in Hindi
धर्मशाला मैं खाने के लिए बहत सारे रेस्टोरेंट ओर ढा़बे है। यहाँ पर स्ट्रीट फूड ओर फ़ास्ट फ़ूड के साथ भारतीय भोजन, पंजाबी भोजन ,दक्षिण भारतीय भोजन भी उपलब्ध है लेकिन यहां पर थुपका ओर मोमोस यह दो फ़ास्ट फ़ूड बोहत ज़्यादा स्वादिष्ट है। अगर आप धर्मशाला यात्रा कर रहे हैं तो यहाँ का स्थानीय भोजन जरूर ट्राय करना चाहिए जैसे कि मोमोस, मैगी , पिज़्ज़ा, केक, थुपका आदि। इसके अलावा यहां का अदरक नीबू की चाय काफी प्रशिद्ध है।
धर्मशाला घूमने का सही समय- Best Time to Visit in Dharamshala in Hindi
धर्मशाला घूमने का सबसे अच्छा समय मध्य फरवरी से मध्य जुलाई (वसंत और गर्मियों) के बीच होता है जब मौसम सुहावना होता है और तापमान 21-34 डिग्री सेल्सियस के बीच रहता है। कभी-कभी बर्फबारी के साथ यहां सर्दियां ठंडी होती हैं; हालाँकि, यह घाटी को और अधिक सुंदर बनाता है।
मानसून (जुलाई के अंत – सितंबर की शुरुआत) से बचा जा सकता है क्योंकि यह आपकी यात्रा की योजना में बाधा डाल सकता है, लेकिन इस जगह पर हिमाचल और उत्तराखंड के अन्य हिस्सों के विपरीत बहुत भारी वर्षा नहीं होती है।
धर्मशाला में खरीदारी – Shopping In Dharamshala in Hindi
धर्मशाला के पर्यटन स्थल की सैर करने के साथ साथ आप यहा के बाजारो में खरीदारी का भी लुफ्त उठा सकते है। ऊपरी धर्मशाला यानी मैक्लॉडगंज के बाजारो में आपको तिब्बती कालीनो, थांगका, पोंचो, जैकेट, चुबा, मुखौटौ, प्रतिमाओ, बैग,फ्रूट और बोतल बंद उत्पाद ताहिनी तथा मुसली आदि की दुकाने मिलेगीं। यहा से आप ऊनी गर्म वस्त्र तिब्बती पनीर तथा चाय, झंडे आदि की खरीदारी भी कर सकते है।
कैसे पहुंचे धर्मशाला- How to Reach Dharamshala
धर्मशाला पहुंचने का सबसे अच्छा तरीका दिल्ली से रात भर की निजी बस लेना है, जो 520 किमी दूर है। धर्मशाला पहुंचने के लिए रात भर की ट्रेन यात्रा एक बेहतरीन विकल्प है। निकटतम प्रमुख रेलवे स्टेशन पठानकोट में है जो 85 किलोमीटर दूर है।
फ्लाइट से धर्मशाला कैसे पहुंचे – How to Reach Dharamshala by Flight
निकटतम हवाई अड्डा कांगड़ा हवाई अड्डा है जो धर्मशाला से 15 किमी दूर है। हवाई अड्डे से टैक्सी/कैब सेवाएं उपलब्ध हैं। अंतरराष्ट्रीय यात्रियों को दिल्ली हवाई अड्डे तक पहुंचना पड़ता है और फिर धर्मशाला पहुंचने के लिए घरेलू उड़ान में सवार होना पड़ता है।
सड़क मार्ग से धर्मशाला कैसे पहुंचे – How to Reach Dharamshala by Road
धर्मशाला को आसपास के शहरों से जोड़ने के लिए बसें आसानी से उपलब्ध हैं। दिल्ली से सीधी निजी बसें उपलब्ध हैं जो 520 किमी दूर है।
ट्रेन से धर्मशाला कैसे पहुंचे – How to Reach Dharamshala by Train
निकटतम रेलवे स्टेशन धर्मशाला से 22 किमी की दूरी पर कांगड़ा मंदिर है। हालांकि प्रमुख रेलवे जंक्शन पठानकोट है जो उसी से 85 किमी दूर है।
धर्मशाला में स्थानीय परिवहन – Local Transportation in Dharamsala
हालांकि धर्मशाला के भीतर आना-जाना कठिन नहीं है। टैक्सी और बसें आसानी से उपलब्ध हैं। यात्रा के लिए बसें सस्ता विकल्प हैं। यहां टैक्सी स्टैंड उपलब्ध हैं। एक बार जब आप मैकलोडगंज पहुंच जाते हैं, तो इसे पैदल देखा जा सकता है। मैकलोडगंज से भागसू तक पैदल चलना भी बहुत मुश्किल नहीं होगा।
धर्मशाला में रुकने की जगह
Dharamshala Tourist Places in Hindi धर्मशाला में दो प्रसिद्ध पर्यटक स्थल है, वहां आसपास में बहुत सारे रेस्टोरेंट और होटल आपको मिल जाते हैं। जहां आप अपने बजट के अनुसार आराम से रुक सकते हैं। धर्मशाला विश्व का एक लोकप्रिय पर्यटक स्थल है, जहां रुकने के लिए हजारों होटल आपको मिल जाएंगे।
इसके अलावा धर्मशाला से थोड़े दूर अलग-अलग समाज के बने सभा भवन भी मौजूद है। बौद्ध धर्म से संबंध रखने वाले लोगों को रुकने की उचित व्यवस्था वहां आराम से मिल जाती है।
धर्मशाला में कैसे घूमे?
ऐसे धर्मशाला में बहुत सारी पर्यटक स्थल है। उन सभी पर्यटक स्थलों पर एक दिन में घूमना संभव नहीं है। अतः आपको सबसे पहले धर्मशाला पहुंचने के रूट के अनुसार धर्मशाला के पर्यटक स्थलों को चुनना होगा और प्रत्येक दिन के हिसाब से एक मैप तैयार करना होगा। उसी आधार पर आप कैब की सहायता से धर्मशाला के पर्यटक स्थलों पर घूम सकते हैं।
FAQ
धर्मशाला कहां स्थित है?
भारत के हिमाचल प्रदेश राज्य में कांगड़ा जिले में धर्मशाला स्थित है, जो भारत का एक लोकप्रिय पर्यटक स्थल माना जाता है।
धर्मशाला में सबसे लोकप्रिय पर्यटक स्थल कौन सा है?
धर्मशाला का सबसे लोकप्रिय पर्यटक स्थल कांगड़ा आर्ट संग्रहालय है, जो भारत की संस्कृति से आज भी यहां घूमने आने वाले लोगों को अवगत करवाता है।
धर्मशाला घूमने के लिए सबसे सही समय क्या रहता है?
यदि आप धर्मशाला घूमने का प्लान बना रहे हैं तो यहां घूमने के लिए सबसे उचित समय वसंत ऋतु का समय माना जाता है। वसंत ऋतु का समय यानी कि फरवरी से लेकर अप्रैल महीने तक आप यहां घूम सकते हैं। इस समय यहां का वातावरण शांत रहता है और यहां का तापमान भी सही रहता है।
धर्मशाला घूमने में खर्चा कितना आता है?
धर्मशाला घूमने का प्लान बना रहे हैं तो यहां घूमने के लिए प्रति व्यक्ति ₹8000 का अनुमानित खर्चा आ जाता है।
धर्मशाला कितने दिनों में घूम सकते हैं?
हिमांचल प्रदेश में स्थित भारत का लोकप्रिय पर्यटक स्थल धर्मशाला जहां घूमने के लिए 2 से 3 दिन का समय सामान्य तौर पर लगता है।
निष्कर्ष
भारत देश जहां पर्यटक स्थलों की कोई कमी नहीं है। एक से बढ़कर एक पर्यटक स्थल भारत के हर कोने में मौजूद है। उसी सूची में हिमाचल प्रदेश का लोकप्रिय पर्यटक स्थल धर्मशाला का नाम भी शामिल है। आज के इस आर्टिकल में हमने आपको धर्मशाला में घूमने की जगह ( Dharamshala Me Ghumne ki Jagah) के बारे में जानकारी दी है।
हमें उम्मीद है, कि हमारे द्वारा दी गई जानकारी आपके लिए उपयोगी साबित हुई होगी। धर्मशाला में घूमने के लिए आपको यह आर्टिकल काफी मदद करेगा। यदि इस आर्टिकल से संबंधित कोई भी सवाल आपके दिमाग में है तो आप हमें कमेंट के माध्यम से बता सकते है।
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“धर्मशाला काफी खूबसूरत जगह है और यहाँ के बारे में आपने काफी अच्छा आर्टिकल लिखा है ! .
Thanks “